31 Dec 2019

Surah 9 Aayat 5 - सुराः 9 आयत 5 का सक्षिप्त विश्लेषण

सुराः 9 आयत 5

And when the sacred months have passed, then kill the polytheists wherever you find them and capture them and besiege them and sit in wait for them at every place of ambush. But if they should repent, establish prayer, and give zakah, let them [go] on their way. Indeed, Allah is Forgiving and Merciful.
जिसका मतलब है -

कि जब पवित्र महीने बीत चुके हों तब तुम जहाँ भी उन बहुदेवादियो (अधिक भगवान को मानने वाले आस्तिक) को पाओगे उन्हें जान से मार देना, उनको पकड़ लेना उनका घात लगाकर बैठ जाना मगर जब वे पश्चाताप करें और नमाज के लिए मान जाएँ और जकाह के लिए मान जाएँ तो उन्हें जाने दें। क्यूंकि अल्लाह माफ़ करने वाला और दया करने वाला है। 

देखा आपने ये ईश्वरीय किताब बताकर इसमें कैसा पाखंड लिखा गया है। बताया जाता है इस्लाम तलवार के जोर पर नहीं फैला लेकिन ये आयत तो कुछ और ही दर्शा रही है। जो पूरी तरह मानवता विरोधी है। सच तो यह है की न इनका अल्लाह सत्य है न इनकी कुरान। कुरान आतंकवाद की किताब है अल्लाह आतंकवाद निर्माता। 
मुसलमान यह कहते नहीं थकते की इस्लाम एक शांतिप्रिय धर्म है। लेकिन यह आयत सब कुछ साफ़ कर देती है। इस्लाम पूरी तरह मानवता विरोधी रहा है इनके द्वारा अरब के कुफ्र समाज का नाश किया गया और अफ़ग़ान तथा ईरान में बोद्धो और पारसियों को जबरन मुस्लमान बना कर बौद्ध तथा पारसियों को खदेड़ा गया। 

Written by Aman Nastik
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12 Dec 2019

आस्तिको के लिए प्रश्न - Questions for Theists in Hindi by Nastik Blogs

Blog Writer - Aman Nastik

नमस्कार दोस्तों आज के समय में आस्तिकता पर विज्ञान की चोट से नास्तिको का जन्म हो रहा है। एक बच्चा नास्तिक के रूप में जन्म लेता है मगर उसके मन में ईश्वर, धर्म और पाखंडवाद का जहर घोल दिया जाता है जिसके बाद वह वही कार्य करता है जो उसके काल्पनिक ईश्वर द्वारा कही गयी है। पाखंड फैलाना कमजोर तथा अल्पसंख्यक धर्म की निंदा करना उन्हें दबाना व सताते रहना इत्यादि। नास्तिको के खिलाफ तो सभी धर्म है उनके लिए उनका काल्पनिक भगवान अल्लाह गॉड उनको कहता इनको या तो धर्म में लाओ या वे न माने तो इनको मौत के घाट उतार दो।
खैर आज हम ईश्वर अल्लाह गॉड किस प्रकार सजा देता है इस पर बात करेंगे। 
थ्योरी - ईश्वर सजा देता है इसके बहुत से तरीके हैं प्रत्येक ईश्वरवादी धर्म इसके अनेक कारण देते हैं। कोई पुनर्जन्म कोई जन्नत या जहन्नुम की बात करता है कुछ कहते हैं ईश्वर सजा इसी जन्म में देदेता है। 
आत्मा - दुनिया के सभी धर्म आत्मा में विश्वास करते हैं तथा आत्मा को ही ईश्वर के सामने खड़ा होना होगा। भगवद गीता में आत्मा की थ्योरी यह है की वह न काटी जा सकती, वह न डुबाई जा सकती, न आत्मा जलती है, न आत्मा सुख सकती है, न आत्मा कभी जन्म लेती है, न वह कभी मरती है, आत्मा समय से परे है। 
 
1. अब्राहमी क़यामत दिन - दुनिया में सबसे अधिक अब्राहमी धर्म के लोग रहते हैं इसमें ईसाई, मुस्लमान और यहूदी आते हैं। इनका मानना है जब दुनिया ख़त्म हो जाएगी तब अल्लाह गॉड यहोवा सभी लोगो के किये गए कामो का लेखा जोखा खोलेगा और इसका हिसाब किताब करके सभी को जन्नत तथा जहन्नुम में बाँट देगा। अतः बात कर लेते हैं जब अल्लाह क़यामत के दिन हिसाब लेगा तब तक तो शरीर जो दफ़न है उसका तो सर्वनाश होगया वह तो पूरी तरह ख़तम होगया तो सजा किसको देगा आत्मा को तो कोई प्रभाव है ही नहीं। फिर कुछ महानुभाव मौलाना शाहब कहेंगे अल्लाह उनको शरीर देदेगा। अब ये भी हास्याप्रद बात है अब जरा बताओ जो पाप हमारे उस शरीर ने किया जो मर चूका है जो भष्म हो चूका है उसकी सजा आप दूसरे को क्यों दे रहे हो। क्या किसी मुजरिम के किये की सजा आप किसी बेकसूर व्यक्ति को कैसे दे सकते हो।
अब आत्मा का शरीर पर कोई कण्ट्रोल नहीं होता अगर कण्ट्रोल होता तो आत्मा को अल्लाह गॉड यहोवा के बारे में पता होता वो गलत काम करने से रोक लेती क्यूंकि वह अल्लाह, गॉड और यहोवा आदेश को जानती है।

2. पुनर्जन्म थ्योरी - मुख्यतः हिन्दू लोग यह मानते हैं की कर्माधार पर पुनर्जन्म होता है यदि कोई इस  गलत करता है तो उसको अगले जन्म में किसी जानवर या गरीब, लंगड़े अपाहिज व्यक्ति के रूप में जन्म मिलता है या उसको उसके अगले में किसी वजह से सजा देदेता है। यह बात पूरी तरह ढकोसलेबाजी है कोई पुनर्जन्म नहीं होता। अगर इनके अनुशार पुनर्जन्म होता है जरा दिखाए हमें वो खता लेखा जोखा जिसके अनुकर ये गलत काम करने पर ऐसे पुनर्जन्म होगा ऐसे काम करने पर ऐसा जन्म होगा यकीनन इनके पास कोई जवाब नहीं है। फिर कुछ लोग हवाला देते है की उनके गांव के पास किसी के चाचा के बेटे इत्यादि ने पुनर्जन्म लिया और वह पिछले जन्म की बात बताता था ये पूरी तरह से ढकोसलेबाजी है। अगर पुनर्जन्म में याददास्त जिन्दा रहती है तो इतने करोड़ो लोगो को क्यों नहीं याद अपनी पिछले जन्म की याददाश्त खैर ऐसा कुछ नहीं होता यह पाखंड की जड़ है इससे अधिक कुछ नहीं। 
अब प्रक्टिकली एक बात सोचिये एक आदमी बस के निचे आके मर गया और दूसरा बच गया तो लोग कहेंगे ये ऊके पिछले जन्म का नतीजा है। अब जो मर गया उसने पिछले जन्म में जरूर कोई पाप किया होगा। तो इस हिसाब से अगर कोई हमारे सामने मर रहा हो तो हमें उसको नहीं बचाना चाहिए क्या पता उसने पिछले जन्म में कोई पाप किया हो जिसके वजह से मर रहा हो।
आज कल भारत में रेप मामले बहोत अधिक बढ़ रहे हैं लड़कियों के साथ बहोत बर्बता की जाती है बलात्कार करके उनको मौत के घाट उतार देते हैं। अब जिस लड़की के साथ गलत हुवा क्या उसको ये सजा ईश्वर ने दी होगी ? क्यूंकि  जन्म में गलत काम किये और उन बलात्कारियो को जरिया बना दिया, जी नहीं। किसी लड़की के माता पिता को  ऐसा बोलके देखो तुम्हारे भगवन की औकात पता चल जाएगी। 
3. इसी जन्म में हिसाब होगा - यह थ्योरी कुछ अगर संवैधानिक रूप से देखे तो सही है कानून की कोशिश रहती है प्रत्येक दोषी को इसी जन्म में सजा दी जाये ताकि इंसाफ मिल सके कानून के अनुसार कोई भगवान नहीं है कानून उसको प्रतीक्षा नहीं करता खैर कुछ धार्मिक लोग यह विश्वास करते हैं की उनका ईश्वर इसी जन्म में सबको सजा दे देता कोई पुनर्जन्म या कयामत का इंतजार नहीं करता उनके कानून भी कुछ नहीं वो कानून से परे ये बात बोलते हैं। प्रक्टिकली सोचे तो भगवन सजा कैसे देगा किस जुर्म की क्या सजा देगा क्या इसका कोई लेखा जोखा उनके पास है जो उसके नाम पे ठेकेदारी की दुकान चलाते आ रहे हैं और ये ईश्वरवादी लोग हमेशा कहते हैं यह विधि का विधान है तो क्या कल उनका बेटा मर रहा होगा तो वो उसके कर्मो की सजा है यह कहकर उसकी मौत का शोक नहीं मनाएंगे।

खैर जो भी है जब यहाँ सब कुछ विधि का विधान है तो दुखी क्यों होते हो। 5 वक्त नमाज पढ़ने वाले मुस्लमान की गर्दन पे अगर छुरी रख दे तो वो भी जिंदगी मांगेगा तो उसको भी कैसा उसको अल्लाह के पास जाने का मौका मिल रहा है। किसी लड़की के बलात्कारियो के लिए हम सजा की मांग नहीं करेंगे क्यूंकि हिन्दुओ के अनुसार ये तो उसके पिछले कर्मो की सजा है। हम किसी व्यक्ति की मदद नहीं करेंगे जिसका सड़क पर एक्सीडेंट होगया हो क्यूंकि यह तो विधि का विधान है उसने गलत काम किये जिसकी सजा उसको मिल रही है। 
ये दकियानुशी बाते हैं इनका कोई उपयोग नहीं असल में मानव द्वारा निर्मित कानून ही सत्य है अगर ईश्वरीय कानून सत्य होता तो ये मुस्लमान कुरान का अपमान करने वाले को मारते नहीं ये हिन्दू मंदिर तोड़ने वाले को मारते नहीं असल में न ईश्वर है न आत्मा का कोई अस्तित्व हज़ारो वर्षो से मानवता को अपने चंगुल में कैद करने का एक जरिया मात्र है।
कुछ बाते मैं यहाँ शामिल करना शायद भूलग्या अतः आपको मेरा ब्लॉग पसंद आता है तो इसको फॉलो करें 
धन्यवाद। 

2 Dec 2019

Killing Secularism Briefly Explain in Hindi - धर्मनिरपेक्षता का हत्या संक्षिप्त वर्णन

धर्मनिपेक्षता का अंत 

नमस्कार दोस्तों, स्वागत है आपका मेरे एक और नए ब्लॉग में मेरा नाम अमन है और आज मैं आपको कोई इतिहासिक या गैरस्तित्व भगवन से जुडी कोई कहानी लेके नहीं आया बल्कि आधुनिक आजाद भारत में हो रही घटनाओ से किस प्रकार भारत की आत्मा को चोट पहुँच रही है उसपे बात करूँगा।
1947 में ब्रिटिश लोगो द्वारा फुट डालो और राज करो का जहर काम कर गया जब भारत तीन हिस्से अथवा दो राष्ट्रों में बाँट दिया गया। वही जो हमारा नया पड़ोसी देश पाकिस्तान एक इस्लामिक नक्शेकदम पर चलने राष्ट्र तो भारत ने बहुसंख्यक राज के बजाये धर्मनिरपेक्षता और सबको समानता का अधिकार देकर प्रजातंत्र को अपनाया। भारत में बहुत से बहुसंख्यक समाज से लोग इस धर्मनिरपेक्षता और भारत को लोकतंत्र होने पर नाराज होते है और निंदा करते हैं। खैर यह सबकी अपनी सोच है वास्तव में भारत जैसे विशालराष्ट्र को लोकतान्त्रिक और प्रजातंत्र वाला राष्ट्र ही होना चाहिए।
वर्ष 1947 में लाखो लोग मारे गए थे और करोड़ो लोग बेघर भी हुए थे इसमें मुस्लिम तथा गैर मुस्लिमो मुख्यतः हिन्दू तथा सिक्खो का बहोत बड़ा विस्थापन हुवा। तबसे ही लोग भारत को हिन्दू राष्ट्र बनाने की मांग कर रहे हैं। लोगो का कहना है धर्मनिरपेक्षता तो 1947 में ही ख़तम हो गयी थी। अतः अब भारत को पाकिस्तान के विपरीत हिन्दू राष्ट्र होना चाहिए। इसी के साथ ही कुछ मुस्लिम समुदाय के लोग भारत में कुरान के हवाले से कहते हैं भारत में पूर्णतया मुस्लिम शासन लागु होगा जिसे वो गज़वा ए हिन्द कहते हैं।
1984 के सिक्ख दंगे भारत में पहली बार सल्पसंख्यक समुदय के खिलाफ दंगा था जिसमे आंकड़ों अनुसार 1200 सिक्ख लोग अकेले दिल्ली में मारे गए थे। लेकिन लोगो की माने तो 4000-5000 लोगो की दंगो में मौत हुई औरतो का बलात्कार हुवा। उस समय प्रतीत हुवा भारत में अल्पसंख्यक लोग असुरक्षित महसूस कर रहे हैं।
1992 में विवादित बाबरी मस्जिद को भीड़ द्वारा तोडा जाना वैसे यह एक आक्रोश दंगा था लोगो में लेकिन इससे लोगो को महसूस हुवा की अल्पसंख्यक समुदाय सुरक्षित नहीं है। आकड़ो के अनुसार 2000 लोगो की मौत इस भयावह प्रदर्शन में हुई लेकिन लोगो का मानना है इसमें 3000 से ज्यादा लोग मारे गए। 
1993 में ही मेमन भाइयो द्वारा गाडी में बम्ब ब्लास्ट किया गया था इसका कारण बाबरी मस्जिद के तोड़े जाने पर उसको भी काफी नुकशान हुवा था इसमें बम्ब ब्लास्ट का उपयोग किया गया जिसमे 320 लोग मारे गए और 1500 लोग इस घटना में घायल होगये।
2002 गोधरा दंगे गोधरा में हुवे दंगे हिन्दू मुस्लिम दंगे से भी विख्यात है तक़रीबन 2000 तक हिन्दू मुस्लिम लोगो ने अपनी जान से हाथ धोया था। इसमें बलात्कार, लोगो को जिन्दा जलाना जैसी अमानवीय करतूतों का भी इस्तेमाल किया गया था। इन दंगो का इल्जाम उस समय के मुख्य मंत्री पर भी लगाया गया था।
2014 में मुजफ्फरनगर में हुवे दंगे भी बेहद भयावह थे यह दंगा भी अल्पसंख्यक समुदाय के खिलाफ ही था जिसमे 700 - 800 मारे गए थे।
इन दंगो में लोगो द्वारा सय्यम नहीं रखा गया और दंगे किये गए धर्म विशेष से नफरत भरी रही और नफरत की आग में मासूमो ने जान गवां दी।
अब भी कही पर बलात्कार की खबर सुनने को मिलती ह तो लोग धर्म के आधार पर पक्षपात जरूर करते हैं।  भारत से मनो धर्मनिरपेक्षता ख़तम होती जारही है। India is a Secular Democracy
जय हिन्द 

19 Nov 2019

ढोल ग्वार शूद्र पशु नारी। सकल ताड़ना अधिकारी।।

नमस्कार दोस्तों मैं तार्किक अमन आपका अपने ब्लॉग में स्वागत करता हूँ। आज मैं आपको ऐसी घटिया मानसिकता की एक झलक दिखाऊंगा जिसने भारत का इतिहास और वर्तमान तक कालिक छाप रखी है।
तुलसीदास एक महान रचयता माने जाते हैं भारत में उसने रामचरितमानस का निर्माण किया मैं उसकी जीवनी पर बहस नहीं करूँगा बल्कि उनकी लिखी पुस्तिका तुलसीदास दोहावली की एक चोपाई की बात करूँगा जोकि इस प्रकार है "ढोल ग्वार शूद्र पशु नारी। सकल ताड़ना  अधिकारी।।" इस चोपाई का अर्थ आपको शायद न पता लगे लेकिन मैं आपको बताऊंगा जिससे तुलसीदास की सोच का आपको भली भाती अंदाजा हो जायेगा।
ढोल का अर्थ तो आपको पता है ग्वार जो पागल होते हैं शूद्र हिन्दुओ के चार वर्णो में सबसे निचला वर्ग जिसको अछूत  श्रेणी में गिना जाता है पशु जानवर को कहते हैं और नारी का आपको पता है। सकल का अर्थ है सभी, ताड़ना का अर्थ है पीटना और अधिकारी मतलब वह उसका अधिकार। अतः यह हुआ पशु, पागल , शूद्र, महिला सभी ही ढोल की पिटाई के हक़दार हैं।
अब बताओ कौन महिला या बहुजन समाज से तुलसीदास का दीवाना है। जो इन्शान ऐसी घटिया सोच रखता है उससे क्या उम्मीद लगते हो मित्र।
उम्मीद है आपको मेरा यह ब्लॉग अच्छा लगा 

4 Nov 2019

Galileo Galilei vs Church

विज्ञान तथा चर्च -


नमस्कार दोस्तों मैं एक तार्किक मनुष्य हूँ आज आपसे ऐसी घटना बताने वाला हूँ जो चर्च और विज्ञान की एक लड़ाई थी। जिसमे लोगो की गलत मानसिकता से एक महान वैज्ञानिक को मरणोपरांत भी गलत ठहराया गया। 

बात दरअसल बात 14 फरवरी 1564 को सर गैलिलिओ गलीली के जन्म से सुरु होती है। गैलिलिओ का जन्म इटली के फ्लोरेंस प्रान्त के पिसा में हुवा। हम उनकी जीवनी के बारे में बात नहीं करेंगे। उन्होंने पृथ्वी के सौरमंडल के केंद्र न होने की बात को जोर दिया था हालाँकि  यह उनकी खोज नहीं थी उन्होंने बृहस्पति ग्रह चार चन्द्रमा खोज निकले थे। उन्होंने जोर दिया की सौरमंडल का केंद्र सूर्य है और सभी ग्रह  सहित सूर्य के चारो और चक्क्र काटते हैं कोपरनिकस ने भी यह दवा किया था। यह बात चर्च को कभी पसंद नहीं आयी. सन 1609 चर्च ने बैठक बुलाई और बताया की गैलिलिओ ने धर्म के खिलाफ बात की है बाइबिल की बातो का खंडन है इसलिए चर्च ने गैलिलिओ को सजा सुनाई की उसको सबके सामने कहना होगा " की मैं गलत हूँ सूर्य पृथ्वी के इर्द गिर्द घूमता है '' गैलीलियो ने यही किया और गर्दन झुककर दबी आवाज में यह कहा ऐसा लगा जैसे उनको बड़ा दुःख है। 
परेशानियों से भरी गलील्यो की जिंदगी 8 जनवरी 1642 में उनकी जिंदगी का अंत होगया। उनकी बहोत सी खोजे जो और कर सकते थे चर्च की सजा से सब ख़तम होगया उनको अपनी जिंदगी के आखिरी कुछ साल नजरबंदी में गुज़ारे।
अब बात करते उनकी मृत्यु के 350 साल बाद चर्च के पादरी ने यह गलती मानी की उन्होंने गैलीलियो के साथ गलत किया गैलीलियो एक महान व्यक्तित्व वाले आदमी थे। आखिरकार गैलीलियो को न्याय मिला। 

कैसी लगी हमारी पेशकश 
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धन्यवाद 

1 Nov 2019

Intelligent Species of Earth - HINDI

पृथ्वी के समझदार प्राणी -

पृथ्वी की उम्र अगर देखे तो 4 अरब साल लगभग है हम केवल कुछ 40 से 80 करोड़ पुराणी पृथ्वी का ही अनुमान लगा पाए हैं और हम इंतसान कुछ लाख सालो में ही इतने एडवांस हो गए हैं हो सकता है पहले भी कोई महान सभ्यता ने पृथ्वी पर राज किया हो और आज उसका अस्तित्व ख़त्म हो गया हो या यह भी हो सकता है की उन्होंने उस समय किसी कारण से पृथ्वी का विनाश कर दिया हो और फिर वो ग्रह छोड़ कर किसी अन्य ग्रह पर चले गए होंगे और फिर धीरे-धीरे पृथ्वी की तरह उस ग्रह को भी बर्बाद करके पृथ्वी पर पुनः आगये हों और आज हम उन्ही के वंसज हैं खैर हम भी पृथ्वी का नाश करते जा रहे हैं। वैसे ये कहानी काल्पनिक है और थोड़ी सी फ़िल्मी लगी होगी। 
आपने अक्शर देखा होगा की एक मनुष्य गुस्से में कह देता है की तुम मुझसे कम समझदार हो तो ऐसा लगता है जैसे उसके पास कुछ खास शक्तिया हैं मगर ऐसा नहीं है। एक इन्शान दूसरे को कम दिमाग या कम अकल तभी कहता है जब वह उसकी तरह नहीं सोच सकता या उसकी भांति कार्य नहीं कर सकता खैर इसका कारण रूचि भी हो सकती है। उदहारण के तौर पर मुझे राजनीती समझ नहीं आती लेकिन मेरा मित्र राजनीती में एक खिलाडी है अतः  वह मुझे बेवकूफ कह देता है। आश्चर्य तब होता है जब मुझे इतिहास का पूरा ज्ञान है मगर उसको नहीं तब मैं उसको बेवकूफ बोल देता हूँ। अतः हम तभी किसी को दिमागी तौर पर कमजोर मानते हैं जब वह हमारे सोच के दायरे की रूचि से अलग हो। 
पृथ्वी पर अनगिनत जिव रहते हैं हम मनुष्य ये वहम पाले बैठे हैं की हम पृथ्वी के हम सबसे अव्वल दर्जे के प्राणी है मगर ऐसा नहीं है। सभी प्राणी ही अव्वल दर्जे के होते हैं उनकी खूबियां अविश्वसनीय होती हाँ यह कहा जा  है दिमागी रूप से मानव अत्यंत ताक़तवर है। लेकिन सभी जिव अपनी शारीरिक सरंचना के आधार पर दिमागी ताक़तवर हैं मनुष्य के पास वो सभी चीजे हैं जिससे वह अपनी सोच पूरी कर सकता है। अब जरा बताओ यदि हम हाथी को स्वर्ण माला बनाने को कहे तो वह नहीं बना पायेगा उसके पास हाथ नहीं होते हैं वह हमारी भाषा नहीं समझता न हम उनकी समझते लेकिन जब उसको उकसा देते हैं तो वह विनाश कर सकता है। 
क्या आप जानते हैं घोडा कभी किसी की सकल नहीं भूलता मगर उसका दायरा अलग है। 
सारांश यह निकलता है की कोई भी समझदार नहीं है। सब अपने अंदर खूबी लिए बैठे है। 

मैं अमन चौहान हूँ मेरे ब्लॉग को फॉलो करें। 

30 Oct 2019

Horror Story - Hindi

DEAD END -

एक सूंदर नौजवान युवती गाड़ी चला रही होती है और उसके पास एक भारी सा बस्ता होता है शायद उसमे कुछ खास था वह एक फ़ोन करती है अपने मंगेतर को और बोलती है मैं आरही हूँ एक तोहफा है तुम्हारे लिए लड़का कहता है हाँ आजाओ मेरे पास भी तुम्हारे लिए तोहफा है। लड़की उसके फार्म हॉउस पर पहुँचती है और दरवाजा खटखटाती है तेज बारिश में वह थोड़ी सी भीग गयी लेकिन बस्ता सलामत अपने हाथो में जकड़े हुवे थी। लड़का तभी दरवाजा खोलता है और वह लड़की उस लड़के से लिपट जाती है तभी एक दुसरी लड़की जो वही कमरे में छिपी हुई थी एक जेह्रीला टिका उस लड़की की गर्दन पर मार देती है। वह बेहोस होकर गिर जाती है। उस लड़के ने अपनी मंगेतर को धोखा दिया और वो उसके हाथ से बस्ता खोलके देखते हैं और चौंक जाते हैं उसमे बेहिसाब पैसे होते हैं जो वह लड़की लेकर आयी थी लेकिन एक छोटी सी आहाट सुनाई पड़ी लड़का मुड़ कर देखता है की उसको होस आ चूका है तो वह लड़का उसपे चाकू से वर करता है और बेरहमी से उसकी कमर फाड़ देता है और दूसरी लड़की उसका मुँह गरम पानी से जला देती है। 
तभी उन दोनों को एक घातक दहाड़ सुनाई देती है और देखते हैं इतनी चोट के बावजूद वह लड़की खड़ी हुई और राक्षश जैसी आवाज निकलते हुए उस लड़के की गर्दन उस चाकू से काट देती है और जहरीले टिके को उस लड़की की आंख में घुसा देती है और फिर बिजली कड़कती है और वो शैतानी आत्मा गायब होजाती है।

अंत मौत ही होती है। 

Writer - Aman

Surah 9 Aayat 5 - सुराः 9 आयत 5 का सक्षिप्त विश्लेषण

सुराः 9 आयत 5 And when the sacred months have passed, then kill the polytheists wherever you find them and capture them and besiege th...