12 Dec 2019

आस्तिको के लिए प्रश्न - Questions for Theists in Hindi by Nastik Blogs

Blog Writer - Aman Nastik

नमस्कार दोस्तों आज के समय में आस्तिकता पर विज्ञान की चोट से नास्तिको का जन्म हो रहा है। एक बच्चा नास्तिक के रूप में जन्म लेता है मगर उसके मन में ईश्वर, धर्म और पाखंडवाद का जहर घोल दिया जाता है जिसके बाद वह वही कार्य करता है जो उसके काल्पनिक ईश्वर द्वारा कही गयी है। पाखंड फैलाना कमजोर तथा अल्पसंख्यक धर्म की निंदा करना उन्हें दबाना व सताते रहना इत्यादि। नास्तिको के खिलाफ तो सभी धर्म है उनके लिए उनका काल्पनिक भगवान अल्लाह गॉड उनको कहता इनको या तो धर्म में लाओ या वे न माने तो इनको मौत के घाट उतार दो।
खैर आज हम ईश्वर अल्लाह गॉड किस प्रकार सजा देता है इस पर बात करेंगे। 
थ्योरी - ईश्वर सजा देता है इसके बहुत से तरीके हैं प्रत्येक ईश्वरवादी धर्म इसके अनेक कारण देते हैं। कोई पुनर्जन्म कोई जन्नत या जहन्नुम की बात करता है कुछ कहते हैं ईश्वर सजा इसी जन्म में देदेता है। 
आत्मा - दुनिया के सभी धर्म आत्मा में विश्वास करते हैं तथा आत्मा को ही ईश्वर के सामने खड़ा होना होगा। भगवद गीता में आत्मा की थ्योरी यह है की वह न काटी जा सकती, वह न डुबाई जा सकती, न आत्मा जलती है, न आत्मा सुख सकती है, न आत्मा कभी जन्म लेती है, न वह कभी मरती है, आत्मा समय से परे है। 
 
1. अब्राहमी क़यामत दिन - दुनिया में सबसे अधिक अब्राहमी धर्म के लोग रहते हैं इसमें ईसाई, मुस्लमान और यहूदी आते हैं। इनका मानना है जब दुनिया ख़त्म हो जाएगी तब अल्लाह गॉड यहोवा सभी लोगो के किये गए कामो का लेखा जोखा खोलेगा और इसका हिसाब किताब करके सभी को जन्नत तथा जहन्नुम में बाँट देगा। अतः बात कर लेते हैं जब अल्लाह क़यामत के दिन हिसाब लेगा तब तक तो शरीर जो दफ़न है उसका तो सर्वनाश होगया वह तो पूरी तरह ख़तम होगया तो सजा किसको देगा आत्मा को तो कोई प्रभाव है ही नहीं। फिर कुछ महानुभाव मौलाना शाहब कहेंगे अल्लाह उनको शरीर देदेगा। अब ये भी हास्याप्रद बात है अब जरा बताओ जो पाप हमारे उस शरीर ने किया जो मर चूका है जो भष्म हो चूका है उसकी सजा आप दूसरे को क्यों दे रहे हो। क्या किसी मुजरिम के किये की सजा आप किसी बेकसूर व्यक्ति को कैसे दे सकते हो।
अब आत्मा का शरीर पर कोई कण्ट्रोल नहीं होता अगर कण्ट्रोल होता तो आत्मा को अल्लाह गॉड यहोवा के बारे में पता होता वो गलत काम करने से रोक लेती क्यूंकि वह अल्लाह, गॉड और यहोवा आदेश को जानती है।

2. पुनर्जन्म थ्योरी - मुख्यतः हिन्दू लोग यह मानते हैं की कर्माधार पर पुनर्जन्म होता है यदि कोई इस  गलत करता है तो उसको अगले जन्म में किसी जानवर या गरीब, लंगड़े अपाहिज व्यक्ति के रूप में जन्म मिलता है या उसको उसके अगले में किसी वजह से सजा देदेता है। यह बात पूरी तरह ढकोसलेबाजी है कोई पुनर्जन्म नहीं होता। अगर इनके अनुशार पुनर्जन्म होता है जरा दिखाए हमें वो खता लेखा जोखा जिसके अनुकर ये गलत काम करने पर ऐसे पुनर्जन्म होगा ऐसे काम करने पर ऐसा जन्म होगा यकीनन इनके पास कोई जवाब नहीं है। फिर कुछ लोग हवाला देते है की उनके गांव के पास किसी के चाचा के बेटे इत्यादि ने पुनर्जन्म लिया और वह पिछले जन्म की बात बताता था ये पूरी तरह से ढकोसलेबाजी है। अगर पुनर्जन्म में याददास्त जिन्दा रहती है तो इतने करोड़ो लोगो को क्यों नहीं याद अपनी पिछले जन्म की याददाश्त खैर ऐसा कुछ नहीं होता यह पाखंड की जड़ है इससे अधिक कुछ नहीं। 
अब प्रक्टिकली एक बात सोचिये एक आदमी बस के निचे आके मर गया और दूसरा बच गया तो लोग कहेंगे ये ऊके पिछले जन्म का नतीजा है। अब जो मर गया उसने पिछले जन्म में जरूर कोई पाप किया होगा। तो इस हिसाब से अगर कोई हमारे सामने मर रहा हो तो हमें उसको नहीं बचाना चाहिए क्या पता उसने पिछले जन्म में कोई पाप किया हो जिसके वजह से मर रहा हो।
आज कल भारत में रेप मामले बहोत अधिक बढ़ रहे हैं लड़कियों के साथ बहोत बर्बता की जाती है बलात्कार करके उनको मौत के घाट उतार देते हैं। अब जिस लड़की के साथ गलत हुवा क्या उसको ये सजा ईश्वर ने दी होगी ? क्यूंकि  जन्म में गलत काम किये और उन बलात्कारियो को जरिया बना दिया, जी नहीं। किसी लड़की के माता पिता को  ऐसा बोलके देखो तुम्हारे भगवन की औकात पता चल जाएगी। 
3. इसी जन्म में हिसाब होगा - यह थ्योरी कुछ अगर संवैधानिक रूप से देखे तो सही है कानून की कोशिश रहती है प्रत्येक दोषी को इसी जन्म में सजा दी जाये ताकि इंसाफ मिल सके कानून के अनुसार कोई भगवान नहीं है कानून उसको प्रतीक्षा नहीं करता खैर कुछ धार्मिक लोग यह विश्वास करते हैं की उनका ईश्वर इसी जन्म में सबको सजा दे देता कोई पुनर्जन्म या कयामत का इंतजार नहीं करता उनके कानून भी कुछ नहीं वो कानून से परे ये बात बोलते हैं। प्रक्टिकली सोचे तो भगवन सजा कैसे देगा किस जुर्म की क्या सजा देगा क्या इसका कोई लेखा जोखा उनके पास है जो उसके नाम पे ठेकेदारी की दुकान चलाते आ रहे हैं और ये ईश्वरवादी लोग हमेशा कहते हैं यह विधि का विधान है तो क्या कल उनका बेटा मर रहा होगा तो वो उसके कर्मो की सजा है यह कहकर उसकी मौत का शोक नहीं मनाएंगे।

खैर जो भी है जब यहाँ सब कुछ विधि का विधान है तो दुखी क्यों होते हो। 5 वक्त नमाज पढ़ने वाले मुस्लमान की गर्दन पे अगर छुरी रख दे तो वो भी जिंदगी मांगेगा तो उसको भी कैसा उसको अल्लाह के पास जाने का मौका मिल रहा है। किसी लड़की के बलात्कारियो के लिए हम सजा की मांग नहीं करेंगे क्यूंकि हिन्दुओ के अनुसार ये तो उसके पिछले कर्मो की सजा है। हम किसी व्यक्ति की मदद नहीं करेंगे जिसका सड़क पर एक्सीडेंट होगया हो क्यूंकि यह तो विधि का विधान है उसने गलत काम किये जिसकी सजा उसको मिल रही है। 
ये दकियानुशी बाते हैं इनका कोई उपयोग नहीं असल में मानव द्वारा निर्मित कानून ही सत्य है अगर ईश्वरीय कानून सत्य होता तो ये मुस्लमान कुरान का अपमान करने वाले को मारते नहीं ये हिन्दू मंदिर तोड़ने वाले को मारते नहीं असल में न ईश्वर है न आत्मा का कोई अस्तित्व हज़ारो वर्षो से मानवता को अपने चंगुल में कैद करने का एक जरिया मात्र है।
कुछ बाते मैं यहाँ शामिल करना शायद भूलग्या अतः आपको मेरा ब्लॉग पसंद आता है तो इसको फॉलो करें 
धन्यवाद। 

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