धर्मनिपेक्षता का अंत
नमस्कार दोस्तों, स्वागत है आपका मेरे एक और नए ब्लॉग में मेरा नाम अमन है और आज मैं आपको कोई इतिहासिक या गैरस्तित्व भगवन से जुडी कोई कहानी लेके नहीं आया बल्कि आधुनिक आजाद भारत में हो रही घटनाओ से किस प्रकार भारत की आत्मा को चोट पहुँच रही है उसपे बात करूँगा।1947 में ब्रिटिश लोगो द्वारा फुट डालो और राज करो का जहर काम कर गया जब भारत तीन हिस्से अथवा दो राष्ट्रों में बाँट दिया गया। वही जो हमारा नया पड़ोसी देश पाकिस्तान एक इस्लामिक नक्शेकदम पर चलने राष्ट्र तो भारत ने बहुसंख्यक राज के बजाये धर्मनिरपेक्षता और सबको समानता का अधिकार देकर प्रजातंत्र को अपनाया। भारत में बहुत से बहुसंख्यक समाज से लोग इस धर्मनिरपेक्षता और भारत को लोकतंत्र होने पर नाराज होते है और निंदा करते हैं। खैर यह सबकी अपनी सोच है वास्तव में भारत जैसे विशालराष्ट्र को लोकतान्त्रिक और प्रजातंत्र वाला राष्ट्र ही होना चाहिए।
वर्ष 1947 में लाखो लोग मारे गए थे और करोड़ो लोग बेघर भी हुए थे इसमें मुस्लिम तथा गैर मुस्लिमो मुख्यतः हिन्दू तथा सिक्खो का बहोत बड़ा विस्थापन हुवा। तबसे ही लोग भारत को हिन्दू राष्ट्र बनाने की मांग कर रहे हैं। लोगो का कहना है धर्मनिरपेक्षता तो 1947 में ही ख़तम हो गयी थी। अतः अब भारत को पाकिस्तान के विपरीत हिन्दू राष्ट्र होना चाहिए। इसी के साथ ही कुछ मुस्लिम समुदाय के लोग भारत में कुरान के हवाले से कहते हैं भारत में पूर्णतया मुस्लिम शासन लागु होगा जिसे वो गज़वा ए हिन्द कहते हैं।
1984 के सिक्ख दंगे भारत में पहली बार सल्पसंख्यक समुदय के खिलाफ दंगा था जिसमे आंकड़ों अनुसार 1200 सिक्ख लोग अकेले दिल्ली में मारे गए थे। लेकिन लोगो की माने तो 4000-5000 लोगो की दंगो में मौत हुई औरतो का बलात्कार हुवा। उस समय प्रतीत हुवा भारत में अल्पसंख्यक लोग असुरक्षित महसूस कर रहे हैं।
1992 में विवादित बाबरी मस्जिद को भीड़ द्वारा तोडा जाना वैसे यह एक आक्रोश दंगा था लोगो में लेकिन इससे लोगो को महसूस हुवा की अल्पसंख्यक समुदाय सुरक्षित नहीं है। आकड़ो के अनुसार 2000 लोगो की मौत इस भयावह प्रदर्शन में हुई लेकिन लोगो का मानना है इसमें 3000 से ज्यादा लोग मारे गए।
1993 में ही मेमन भाइयो द्वारा गाडी में बम्ब ब्लास्ट किया गया था इसका कारण बाबरी मस्जिद के तोड़े जाने पर उसको भी काफी नुकशान हुवा था इसमें बम्ब ब्लास्ट का उपयोग किया गया जिसमे 320 लोग मारे गए और 1500 लोग इस घटना में घायल होगये।
2002 गोधरा दंगे गोधरा में हुवे दंगे हिन्दू मुस्लिम दंगे से भी विख्यात है तक़रीबन 2000 तक हिन्दू मुस्लिम लोगो ने अपनी जान से हाथ धोया था। इसमें बलात्कार, लोगो को जिन्दा जलाना जैसी अमानवीय करतूतों का भी इस्तेमाल किया गया था। इन दंगो का इल्जाम उस समय के मुख्य मंत्री पर भी लगाया गया था।
2014 में मुजफ्फरनगर में हुवे दंगे भी बेहद भयावह थे यह दंगा भी अल्पसंख्यक समुदाय के खिलाफ ही था जिसमे 700 - 800 मारे गए थे।
इन दंगो में लोगो द्वारा सय्यम नहीं रखा गया और दंगे किये गए धर्म विशेष से नफरत भरी रही और नफरत की आग में मासूमो ने जान गवां दी।
अब भी कही पर बलात्कार की खबर सुनने को मिलती ह तो लोग धर्म के आधार पर पक्षपात जरूर करते हैं। भारत से मनो धर्मनिरपेक्षता ख़तम होती जारही है। India is a Secular Democracy
जय हिन्द
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