आप नास्तिक कब बनते हैं विश्लेशण सहित -
1 चार्वाक - भारत में रहने वाले लोग थे जो ईश्वर में आस्था नहीं रखते थे इसलिए प्राचीन ब्राह्मण उनसे नफरत करते थे उनको असीमित मात्रा में मौत के घाट उतारा जाता था धीरे बौद्ध धर्म के फैलाओ के कारन ये लोग बौद्ध धर्म विलय कर गए आज इस श्रेणी नमो निशान मौजूद नहीं है।
2 कुफ्री - ये भारत में नहीं पाए जाते थे बल्कि अरब के देशो कबीलाइयों के रूप में बसेरा डालते थे जिनका अंत आठवीं सदी में होगया हलाकि देखा जाये तो इन्होने कुर्दिस्तान, सीरिया, इराक, लेबनान, इजराइल, जॉर्डन के इलाके में बहुल मात्रा में बसेरा बनाया था इशाई धर्म के लोग इनसे खासी नफरत नहीं करते थे लेकिन जब इस्लाम का उदय हुवा तो उन्होंने सबको मुस्लमान बनाना सुरु कर दिया और कुरान में बताई गयी फर्जी आयत जो तब लिखी गयी जब जिद्दह में मोहम्मद ने कुछ कुफ्री लोगो को उनके धर्म की पूछा उन्होंने कहा हम वास्तविक हैं इश्वर पर विस्वास नहीं करते तब मोहम्मद ने कहा ईसाई या यहूदी को मुस्लमान बना सकते हैं लेकिन कुफ्री को नहीं क्यूंकि वो आस्तिक हैं ये नास्तिक इसलिए उस जल्लाद मोहम्मद ने यह लिखा अपनी कुरान में की जहाँ भी दिखे काफ़िर या कुफ्री उनको मार दो। कुछ डर के मरे यूरोप भागे कुछ ने इस्लाम कबूला।
नास्तिको का एक चिह्न जो धर्म को ठुकरायेंगे |
नमस्कार दोस्तों मैं अमन आपका अपने पहले हिंदी ब्लॉग पर आपका स्वागत करता हूँ। जैसा की आप जानते हैं नास्तिकता कोई धर्म नहीं यह केवल वह श्रेणी हैं जब मानव का मस्तिष्क विचार करने लगता है। और कोई ऐसे वैसे विचार नहीं सीधे परमेष्वर के वजूद को लेकर।
हजारो वर्षो से नास्तिक दर्शन दुनिया होते आये हैं जनको धर्म की पाखंडवाद सोच ने ख़त्म किया लेकिन नास्तिकता तो इंसान के जन्म से ही सुरु हो जाती है इसको ख़तम करना इतना आसान भी नहीं है। मैं आपको बताता हूँ विश्व में अधिकतर पाए जाने वाले नास्तिक दर्शन :- 1 चार्वाक दर्शन 2 काफ़िर कबीलाई
ऋषि चार्वाक |
आम आदमी को काफिर कह कर सम्भोधित करता मुस्लमान |
अब बात करते हैं आप नास्तिक कब बन जाते हैं -
देखा जाये तो नास्तिक बनने के लिए कोई मंत्र इत्यादि की कोई जरुरत नहीं होती हालाँकि एक मनुष्य नसतीक के रूप में ही जन्म लेता है नास्तिकता में ही उसको उसको धार्मिक बनाया जाता तथा वह सभी धार्मिक कर्मकांड करता है।
जब एक मनुस्य विज्ञानं के आधार पर सोचता है तब वह उसकी नास्तिक बनने की पहली पीढ़ी होती है।
जब वो मनुस्य ईश्वर के बनाये गए धार्मिक कर्मकांड जो अमानवीय है, कुदरत के खिलाफ है इत्यादि का बहिस्कार कर लेता तब वह नास्तिकता की और अग्रसर हो जाता है। उदाहरण के तोर पर जैसे बकरीद जैसे एक अमानवीय कर्मकांड का विरोध करना आपको काफिर बना सकता है, दिवाली में जलने वाले पठाके पर्यायवरण हेतु हानिकारक हैं इनका विरोध करना आपको हिन्दू समाज से अलग बना देगा।
जब आप किसी दूसरे धर्म के बजाये अपने धर्म में कमिया खोजते हैं तब आप नास्तिकता की तीसरी सीडी पार कर चुके हो। उदहारण एक मुस्लमान, कभी न कभी हिन्दू या किसी अन्य गैर मुसलमान के धर्म की अवहेलना तथा बेइज्जती अवश्य करता है मगर नास्तिक केवल दुश्मनी के चलते किसी धर्म में कमिया नहीं ढूंढ़ते उनका मक़सद ईश्वर को गलत ठहरना होता है।
नास्तिक हमेशा धर्म ग्रन्थ को झूठा ठहराते हैं हालाँकि वह झूठे हैं।
नास्तिक दर्शन में पुनर्जन्म और जन्नत के भोग विलास की कोई जगह नहीं है
नास्तिक लोग हमेशा तर्क के आधार पर किसी धर्म से लोहा लेते हैं।
यदि आप इन सब बातो का उपयोग अपने जीवन में करते हैं तो आप भी नास्तिक हो। नास्तिक होने यह परिभाषा चार्वाक दर्शन अथवा भारतीय संस्कृति पर आधारित है। इस परिभाषा का यूरोपीय नास्तिको से मिलना जुलना हो सकता है मगर यह अलग दर्शन हैं।
मेरे ब्लॉग यदि आपको कोई गलती का सामना करना पड़ा तो मैं क्षमा चाहता हूँ और मुझे कमेंट करके सहयोग दे और और अपने दोस्तों में अवश्य बांटे।
जय हिन्द जय भारत
मेरा परिचय
अमन
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