25 Sept 2019

Face of China - The Burning Xinjiang in HINDI

शिनजियांग प्रान्त के तथ्य  -

महरूम रंग में शिनजियांग 
                                         सन 1949 में चीनियों द्वारा तुर्किस्तान नामक एक जमीनी टुकड़े पर कब्ज़ा कर लिया जाता है। शिनजियांग, चीन का कोई पूर्ण भाग नहीं है, यह कब्ज़ा किया गया सूबा है जिसके नाम का अर्थ मान्छु भाषा में "नया सूबा" होता है।  शिनजियांग, जनवादी गणराज्य चीन उत्तर पश्चिम में स्थित है। यहाँ के लोग तुर्क लोगो से मिलते जुलते हैं और तक़रीबन सभी ही इस्लाम धर्म से जुड़े हुवे हैं और इन लोगो को उइगूर भी कहा जाता है। शिनजियांग को चीनी तुर्किस्तान और मशरकी तुर्किस्तान के नाम से भी जाना जाता है। इस सूबे की राजधानी उरुमची है।
शिनजियांग के आस पास के क्षेत्र 
शिंजियांग की सरहदें दक्षिण में तिब्बत और भारत, दक्षिण-पूर्व में चिंग हई और गांसू, पूर्व में मंगोलिया, उत्तर में रूस और पश्चिम में क़ाज़क़स्तानकिरगिज़स्तानताजिकिस्तानअफ़ग़ानिस्तान और पाकिस्तान से मिलती हैं। भारत का अक्साई चिन का इलाका भी, जिसपर चीन का क़ब्ज़ा है, प्रशासनिक रूप से शिंजियांग में शामिल है। शिनजिआंग एक रेगिस्तानी इलाका जहाँ की जनसँख्या कम है। 




शिनजिआंग की आजादी की लड़ाई -
उइगूर राष्ट्र की मांग 
                                                    उइगूर लोग शुरुआत से ही चीन का विरोध करते आये हैं वर्ष 2013 में कुछ घटनाये ऐसी हुई जिससे दुनिया को चीन में चल रहे इस आंदोलन की खबर मिली। असल में चीनी सरकार ने शिनजियांग में बहुत पैसा लगा रखा है। इसलिए वो शिनजिआंग को नहीं छोड़ सकते। किसी कारण से अगर शिनजिआंग को आजाद करना पड़ता है तो CPEC भी ख़राब होजायेगा।  जोकि चीन व पाकिस्तान की संधि पर बना है जिसका रास्ता पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर से निकलता हैँ और चीन का जमीनी सम्बन्ध पाकिस्तान से ख़तम हो सकता है। हालाँकि खबर छुपाये नहीं छुपती चीनियों ने उइगरो को चुप करने के बेहद प्रयास किये हैं।  और अब चीनी सरकार कड़े हत्कंडे अपना रही है।  आपको बता दे चीन कोई लोकतान्त्रिक नहीं बल्कि तानाशाह देश है जहाँ एक लम्बी अवधि  राष्ट्रपति का शाशन है। शिनजियांग खुद को आजाद करके लोकतांत्रिक मुल्क बनना चाहता है। 

उइगरो पर किया जाने वाला अत्याचार -

यातना कक्ष में सूअर का मांस 
 शिनजिआंग के मुख्य निवासी मुसलमान है तथा उनको चुप करने करने के लिए चीनी फौज ने उनके धर्म को भ्रष्ट करना शुरू कर दिया। यह खबर तब सामने आयी जब वकील मुहमद जारची नामक शख्स उनके उनके पीड़ित कक्ष से भाग निकला और किर्गिस्तान पहुँच गया।  उसने चीन का खुलाशा किया की पीड़ित कक्ष में हज़ारो की मात्रा में उइगूर मुसलमान है जिनको जबरन सूअर का मांश खिलाया जाता है, कुरान पर मलमूत्र कर उसको दूषित करने को कहा जाता है, मतलब हर तरीके से उनके धर्म को भ्र्ष्ट किया जाता है। 
कुरान को अशुद्ध करता उइगूर मुस्लमान 
चीनी सरकार ने यह कानून बना रखा है की कोई मुस्लिम महिला मुख्य रूप से उइगूर की महिला हिजाब नहीं पहन सकती। उनको यातनाये दी हैं। चीन सरकार ने रोजा रखने वाले कर्मचारियों को काम करने की अनुमति नहीं दी और उनकी उस की तनख्वा काट दी जाती है। 
चीनी सरकार उइगूर अलगाववाद को खत्म करने हेतु कोई भी कदम उठा सकती है इसका पता वकील मुहमद जारची के बयानों  से चलता है। चीन में मानवाधिकारों का उल्लंघन होता है। 

कैसी लगी आपको हमारी पेशकश कृपया मेरे ब्लॉग को शेयर करें ताकि सभी जान सके चीन का असल चेहरा। 
जय हिन्द 
मेरा परिचय
अमन 



3 comments:

  1. Replies
    1. भाई जी पोस्ट आपकी थी है लेकिन मुझे एक बात समझ नही आई कि अगर चीन एक तानाशाही देश है तो सारे लोगो पर क्यों ये तानाशाही नही करता

      ओर जो उइगर मुसलमान है उनके बच्चो को उनसे अलग कर उन्हें रैशनल नॉलेज क्यों देता है,मुझे लगता है चीन की सरकार मुसलमानो के धर्म को भृष्ट करने के लिए नही

      बल्कि उनको रैशनल थिंकिंग लाने के लिए ओर उनके बच्चो को नास्तिक ओर प्रोग्रेसिव माइंड वाला बंनाने के लिए उनके धर्म को दबा रहा है,

      हमे पता है कि पूरी दुनिया मे बहूत से इस्लामिक देश है जिनके पिछड़े होने की सबसे बड़ी वजह ही इस्लाम है


      ओर चीन के राष्ट्रपति एक नास्तिक है,ओर एक नास्तिक पार्टी सीपीसी चीनी कम्युनिस्ट पार्टी कहा जाता है,


      ये नास्तिक विचारधारा के लोग है जो धर्म की सच्चाई से अवगत है,इसलिए वो मुसलमानो को उनके धर्म से दूर करने के लिए प्रयासरत है


      ऐसा मुझे लगता है

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